आज संतान की दूरी माता पिता से, पीढ़ी का अंतर बनी हैं। आज संतान की दूरी माता पिता से, पीढ़ी का अंतर बनी हैं।
हम सबको ही जीना सिखाती है, इस संसार में। हम सबको ही जीना सिखाती है, इस संसार में।
मानवता महज उनमें बस रेंगती है, जिन्दगी भी ऐसों को बस ठेलती है। मानवता महज उनमें बस रेंगती है, जिन्दगी भी ऐसों को बस ठेलती है।
निज भाषा को अपनायें निज संस्कृति के मोती पायें निज भाषा को अपनायें निज संस्कृति के मोती पायें
छू जाना तुम आसमान को बिना कभी भी हिम्मत हारे। छू जाना तुम आसमान को बिना कभी भी हिम्मत हारे।
मेरी भी नैया पार लगा दो, कितनों को तुमने पार किया। मेरी भी नैया पार लगा दो, कितनों को तुमने पार किया।